वैवाहिक वर्षगांठ निधि मनीष की
बहुत बधाई आपको,निधि मनीष जी आज।
पावन परिणय का दिवस,प्रभुवर का सत साज।।
धीमे-धीमे हो गए,पूरे सोलह वर्ष।
हँसी खुशी जीवन चले,पा उन्नति उत्कर्ष।।
प्यारी मीना मातु का,मिलता आशीर्वाद।
नोक झोंक के संग में,रहे प्यार आबाद।।
गणपति देवा है विनय,रखना कृपा अपार।
मनोकामना पूर्ण हो,सुखी रहे परिवार।।
धन यश वैभव सब मिले,भरे रहें भण्डार।
प्रेम भाव रक्षित रहे,मधुरिम हो व्यवहार।।
जीवन के हर मोड़ पर,शोभित रहे विधान।
हर पल केवल एक ही,रहे लक्ष्य पर ध्यान।।
ज्ञान बुद्धि रक्षित रहे,उत्तम हो संवाद।
उन्नति उत्कर्ष सुयुगल,करे जगत पर नाद।।
डॉ ओम प्रकाश श्रीवास्तव ओम
शिक्षक व साहित्यकार
तिलसहरी, कानपुर नगर