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27 Jul 2017 · 1 min read

अब हसीनोँ की गली मेँ आना-जाना छोड़ दो

प्यार के सौदागरोँ से दिल लगाना छोड़ दो
अब हसीनोँ की गली मेँ आना-जाना छोड़ दो

आज पहली बार मुझसे चाँदनी ने ये कहा
मेरे चंदा पर ग़ज़ल,कविता बनाना छोड़ दो

जिँदगी मेँ दु:ख के दिन कष्ट देते हैँ मगर
इसका मतलब ये नहीँ तुम मुस्कुराना छोड़ दो

जो तुम्हारी मान-मर्यादा मिला दे धूल मेँ
ऐसे लोगोँ को गले से अब लगाना छोड़ दो

एक दिन ये आग तेरा भी आशियाँ ना फूँक दे
इसलिए हम मुफलिसोँ का घर जलाना छोड़ दो

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