माता - पिता
मात पिता की बात का, सदा करो सम्मान।
उनका दिल न दुखाइये, वे अपने भगवान।।1
बात न ऐसी बोलिए, जो दिल को दे चोट।
मुँह से निकले शब्द कटु, आते कभी न लौट।।2
मात पिता के कर्ज को, जाओ कभी न भूल।
बच्चों के सुख के लिए, सहते वो हर शूल ।।3
हर पल चिंता आपकी, करते रहते रोज।
सह लेते हर कष्ट को, तुमको देते मौज।।4
मात पिता को समझिए, कभी न घर का भार।
वे घर घर के प्राण है, उनसे है संस्कार।।5
मात पिता के प्रेम को, धन से न कभी तौल।
वे सागर है स् नेह के, जीवन में अनमोल।।6
मात पिता की बात का, हर पल रखिए मान।
उनका दिल मत तोड़िए, सदा करो सम्मान ।।7
मात पिता की छांव में, मिलता बहुत सुकून ।
धर्म कर्म संस्कार के, नित्य खिलते प्रसून।।8
यह जीवन सुंदर बने, मात पिता के साथ।
संकट आए फिर नहीं, जब सिर पर हो हाथ।।9
बूढ़े बच्चे संग हो, खुशियां मिले अपार।
घर आँगन रोशन लगे, जैसे हो त्योहार।।10