देश धरा निज धर्म हित, होते सुत बलिदान।

देश धरा निज धर्म हित, होते सुत बलिदान।
मातु सभी वो धन्य है, जिनकी ये संतान।।
भगत सहदेव और गुरु, जैसे बहुत महान।
मातृभूमि के ही लिए, जिसने त्यागे प्रान।।
संजय निराला
देश धरा निज धर्म हित, होते सुत बलिदान।
मातु सभी वो धन्य है, जिनकी ये संतान।।
भगत सहदेव और गुरु, जैसे बहुत महान।
मातृभूमि के ही लिए, जिसने त्यागे प्रान।।
संजय निराला