शीर्षक -पिता दिये की बाती हैं!
मेरी जिंदगी तो बस चल रही है।
24/234. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
🌹 इस्लाम ने मोहब्बत का पैगा़म दिया है ।
जिसने जीवन सौगात दिये, उस प्रेमिल माता को नमन।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
लोककवि रामचरन गुप्त एक देशभक्त कवि - डॉ. रवीन्द्र भ्रमर
ये राम कृष्ण की जमीं, ये बुद्ध का मेरा वतन।
समाधान से खत्म हों,आपस की तकरार
6. GREAT MOTHER ( An Acrostic Poem )
प्रेम पगडंडी कंटीली फिर जीवन कलरव है।
We are not meant to stay the same. We are meant to grow and
थिक मिथिला के यैह अभिधान,