ये दुनियाँदारी झूठी है ये प्रेम की क्यारी झूठी है।

ये दुनियाँदारी झूठी है ये प्रेम की क्यारी झूठी है।
झूठे लोगों की बस्ती में हर कसम तुम्हारी झूठी है।
प्रेम वफ़ा की बातें बस कहने की केवल बातें हैं।
यहाँ राँझा झूठ बोलता है हीर भी प्यारी झूठी है।
कवि अनूप अम्बर