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5 May 2024 · 1 min read

कुआँ

सदियों बीते ज़माने में
ज़मीं की खुदाई से,
ईंट पत्थर से बना , जल से भरा,
गोलाकार आकृति का,

कुआँ बनाया जाता था
नहाने , कपड़े , बर्तन
रोज़मर के कामों में
कुएँ का जल काम आता था

बाल्टी अपनी धुन में
रिसक -२ कर नीचे जाती,
गहराई में डुबकी लगाकर
उड़ाल उड़ेल जल भर
वापस वो आती

अपनी -२ बाल्टी संग
कुँए के पास ढेर जमाती
सभी महिलायें ख़ूब बतियाती
बच्चों को स्नान कराती

शहरीकरण की छाया में
लुप्त हुए कुएँ के स्थानो को
अब कूड़ों के ढेरों ने घेर लिया

गाँव के कुँए में
स्वच्छ जल
अब कहा से हम पाए।।

Language: Hindi
105 Views
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