विश्व कविता दिवस

कवि के मनोभाव है कविता,
दिल छू जाये वह है कविता।
होते है भाव सभी के मन मे,
शब्दों मे पिरे वह है कविता।।
कवि की अभिव्यक्ति है कविता
कवि की एक शक्ति है कविता।
कवि न होता तो कविता न होती
कवि के मन मे समाई है कविता।
शब्दों की लय का नाम है कविता,
शब्दों का श्रृंगार करना है कविता
श्रंगार रहा है मूल रूप जीवन का,
बिन श्रृंगार के बनती न है कविता
रस बिन होती नहीं कोई कविता,
अलंकार बिन होती नहीं कविता।
कविता है एक उसके गहने अनेक,
छंद बिन बने नहीं कोई कविता।।
कलम से अटूट रिश्ता है कविता का
स्याही से गहरा रिश्ता है कविता का।
ज़ब तक साथ ये दोनों नहीं देते
कोई रूप बनता नहीं कविता का।।
आर के रस्तोगी गुरुग्राम