क्या इश्क करना है जालिम ज़माने से ,

क्या इश्क करना है जालिम ज़माने से ,
इश्क करनाभाई तो करो खुद ए जाना से,
खुदा की नियमत से, खुदा की कुदरत से ,
खुदा की शक्ल में मिले तुम्हारे मा बाप से ,
मुहब्बत का दिन सिर्फ आशिक और माशूक की सौगात नहीं ,
मुहोबत का दिन का वास्ता है इसमें से ,इंसानियत से ।