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12 Jun 2024 · 1 min read

इंकलाब की मशाल

मशालें उठ
चुकी हैं अब
मशालें जल
चुकी हैं अब…
(१)
अंधेरों को
ख़बर कर दो
मशालें चल
चुकी हैं अब…
(२)
तूफानों से
लड़ने को
मशालें तुल
चुकी हैं अब…
(३)
इसका अंज़ाम
क्या होगा
मशालें भूल
चुकी हैं अब…
(४)
वक़्त और
हालात में
मशालें ढल
चुकी हैं अब…
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
#सत्ता_परिवर्तन #बदलाव
#व्यवस्था_परिवर्तन #हक
#चुनाव_जनता_लड़_रही_है
#अधिकार #इंसाफ #सच
#चुनाव #मतदान #राजनीति

Language: Hindi
Tag: गीत
124 Views
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