Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Jan 2025 · 2 min read

“अविस्मरणीय पल: मेरा प्रमोशन” (फौजी संस्मरण)

डॉ लक्ष्मण झा परिमल
========================
जीवन के कुछ यादगार लम्हें को शायद ही कोई भूला पाता है ! कुछ खट्टे लम्हें कुछ मीठे पल का समिश्रण है जीवन ! पर कुछ लम्हों की खुसुबू खास ही होती है जिसे रह -रहकर हम आजन्म याद करते रहते हैं ! वो हसीन पल था जब सूबेदार एस 0 एन 0 चौधरी ऑफिस सुपेरिटेंडेंट ने मुझे बुलबाया और मुझे बधाई देते हुये हाथ मिलाया !
“ झा जी , आपका प्रमोशन आया है ! आप शीघ्र जूनियर कोमीशन्ड ऑफिसर बनने जा रहे हैं ! आपकी पोस्टिंग कमांड अस्पताल कलकत्ता हो गई है ! वहीं पर आपको सितारे लगेंगे !”
मैं खुशी से झूम उठा ! मेरी खुशी का ठिकाना नहीं रहा ! इसी पल का ही इंतज़ार था ! मैंने सूबेदार एस 0 एन 0 चौधरी को धन्यवाद दिया और उनसे पूछा ,-
“सर, मुझे कब तक वहाँ पहुँचना होगा?”
“ आप जितनी जल्दी वहाँ रिपोर्ट करेंगे आप का प्रमोशन हो जाएगा!”- सूबेदार साहिब ने कहा !
दो साल ही हुये थे ! 1990 में मैं सैनिक चिकित्सालय बरेली से 166 सैनिक चिकित्सालय जम्मू तवी पोस्टिंग आया था ! देखते- देखते 1992 में सीनियर cadre में नाम आ गया ! दो महीने के लिए लखनऊ Army Medical Corps Centre And College में ट्रेनिंग ली ! इस ट्रेनिंग के बाद ही हमलोग Junior Commissioned Officer बनते हैं ! यह सिनीऑर काडर दिनांक 12 सितंबर 1992 से 21 नवंबर 1992 तक चला ! और दो महीने के बाद ही प्रमोशन लेटर आ गया !
सर्व प्रथम मैं अपने डिपार्टमेंट में गया ! मेरा कार्य क्षेत्र ENT DEPARTMENT में सदा ही रहा ! मेरे ENT SURGEON Maj V Singh थे उन्हें मैंने अपने प्रमोशन की खबर दी ! वे काफी खुश हुये और मुझे बधाई और शुभकामना दिया ! उन्होंने मुझे कहा ,-
“तैयारी करो और अपना रिलीवर ऑपरेशन थिएटर से माँगो!”
रिलीवर मिला ! डिपरमेंट का चार्ज हैंडओवर किया ! सारे कागजात तैयार किए गए ! बिदाई पार्टी हुई ! और 6 फेब्रुअरी 1993 को मूवमेंट ऑर्डर मिला और 8 फेब्रुअरी 1993 को कमांड हॉस्पिटल अलीपुर कलकत्ता में रिपोर्ट किया !
11 फेब्रुअरी 1993 के दिन कमांडेंट Maj Gen ने मेरे कंधे पर एक स्टार लगाया और उस दिन से एक नयी ज़िम्मेदारी मिल गई ! मेरा ट्रान्सफर JCO MESS हो गया ! सबों से मिलने के बाद सीधे OPERATION THEATRE के सारे स्टाफ से मिला ! Col P S Mallick से मिला! वे Head of Dept थे ! उन्होंने बधाई दी और कहा , –
“ झा साहिब ! आप सब से पहले OPERATION THEATRE के स्टाफ हैं, पर आपको ENT DEPT का चार्ज लेना है कारण वहाँ के सूबेदार बलदेव सिंह सेवानिवृत में जाने वाले हैं ! जाइए अपने ENT ऑफिसर से मिलिए !”
उन दिनों ENT DEPT में दो Surgeons थे ! एक Surgeon Commander V K Singh जो बाद में Admiral DGAFMS बने ! दूसरे Maj A K Das वे भी बाद में Lt Gen DGAFMS बने ! इनलोगों के छत्रछाया में बहुत कुछ सीखा ! और इन लम्हों को याद करके अपने को धन्य समझता हूँ !
=====================
डॉ लक्ष्मण झा परिमल
साउंड हैल्थ क्लीनिक
एस 0 पी 0 कॉलेज रोड
दुमका
झारखंड
21.01.2025

Language: Hindi
65 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

सिलसिले
सिलसिले
Dr. Kishan tandon kranti
चुप्पी!
चुप्पी!
कविता झा ‘गीत’
आगे बढ़ने का
आगे बढ़ने का
Dr fauzia Naseem shad
कहते हैं लगती नहीं,
कहते हैं लगती नहीं,
sushil sarna
रहे सीने से लिपटा शॉल पहरेदार बन उनके
रहे सीने से लिपटा शॉल पहरेदार बन उनके
Meenakshi Masoom
कलरव की कथा
कलरव की कथा
Suryakant Dwivedi
बाबा चतुर हैं बच बच जाते
बाबा चतुर हैं बच बच जाते
Dhirendra Singh
3835.💐 *पूर्णिका* 💐
3835.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
पिता जी
पिता जी
डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद
एक दिन मजदूरी को, देते हो खैरात।
एक दिन मजदूरी को, देते हो खैरात।
Manoj Mahato
ग़ज़ल (चलो आ गयी हूँ मैं तुम को मनाने)
ग़ज़ल (चलो आ गयी हूँ मैं तुम को मनाने)
डॉक्टर रागिनी
गुरु महाराज के श्री चरणों में, कोटि कोटि प्रणाम है
गुरु महाराज के श्री चरणों में, कोटि कोटि प्रणाम है
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
हिदायत
हिदायत
Dr. Rajeev Jain
''संगनी मैं तुम्हारी बन आई ''
''संगनी मैं तुम्हारी बन आई ''
शिव प्रताप लोधी
हर घर तिरंगा
हर घर तिरंगा
Dr Archana Gupta
fake faminism
fake faminism
पूर्वार्थ
सोचे सारे ख्वाब
सोचे सारे ख्वाब
RAMESH SHARMA
पद्म
पद्म
Uttirna Dhar
मन को सम्भाले मन का कोई चेहरा नहीं है, आत्मा का भी कोई चेहरा
मन को सम्भाले मन का कोई चेहरा नहीं है, आत्मा का भी कोई चेहरा
Shashi kala vyas
"यह सही नहीं है"
Ajit Kumar "Karn"
****जिओंदा रहे गुरदीप साड़ा ताया *****
****जिओंदा रहे गुरदीप साड़ा ताया *****
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
..
..
*प्रणय प्रभात*
लगता नहीं है इस जहां में अब दिल मेरा ,
लगता नहीं है इस जहां में अब दिल मेरा ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
अब मै ख़ुद से खफा रहने लगा हूँ
अब मै ख़ुद से खफा रहने लगा हूँ
Bhupendra Rawat
रंग तिरंगे के छाएं
रंग तिरंगे के छाएं
श्रीकृष्ण शुक्ल
"वक्त" भी बड़े ही कमाल
नेताम आर सी
आदत सी पड़ गयी है
आदत सी पड़ गयी है
अमित कुमार
जनदृष्टि संस्थान, बदायूँ द्वारा
जनदृष्टि संस्थान, बदायूँ द्वारा "राष्ट्रीय उत्कृष्ट शिक्षक सम्मान-2024" से सम्मानित हुए रूपेश
रुपेश कुमार
कर्मों का है योग हो रहा,
कर्मों का है योग हो रहा,
श्याम सांवरा
*खुद की खोज*
*खुद की खोज*
Shashank Mishra
Loading...