फाग गीत
होली हिंदी गाना
रंग भी खूब है पास होली भी है – 2
दो दिलों के लिए और क्या चाहिए
रंग भी खूब है पास होली भी है
खुशी के लिए और क्या चाहिए
रंग भी खूब है पास होली भी है
क्या हसीना है साथ धड़कने हैं गवाह – 2
मोहब्बत के लिए और क्या चाहिए
रंग भी खूब है पास होली भी है
फाग की रागिनी हैप्पी होली कही
तू मेरे लिए है एक शायरी
हाँ रंग रंगते ही दिल दीवाना हुआ
आशिकी का शुरू एक आगाज़ हुआ
रंग है गुलाल है टेसू है पलास है – 2
अब होली के लिए और क्या चाहिए
रंग भी खूब है पास होली भी है
इश्क है प्रेम है दिल में धड़कन है – 2
देखती है नजर ओ जाने जां
रूप है जवां मस्ती में अदा
ना किसी को कभी रंग मैंने रंगा
तूने अदाओं से अपनी घायल किया
रंग है गुलाल है होली है होलिका भी है – 2
होली के लिए और क्या चाहिए
रंग भी खूब है पास होली भी है
आनंद के लिए और क्या चाहिए
रंग भी खूब है पास होली भी है
खुशी के लिए और क्या चाहिए।
रचनाकार
संतोष कुमार मिरी
गीतकार(पैरोडी)
रायपुर छत्तीसगढ़