Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Mar 2025 · 1 min read

शीर्षक – हमारी सोच…. कुदरत

शीर्षक
हमारी सोच….
कुदरत
***********”””””””***
हमारी सोच अपनी अपनी होती है।
कुदरत समय और हालात होते हैं।

इंसान की अपनी हमारी सोच है।
सच स्वार्थ और स्वाद रखते हैं।

जिंदगी जीवन‌ हमारी सोच होती हैं।
बस हम कुदरत के साथ सोचते हैं।

हमारी सोच स्वार्थ और फरेब रखतीं हैं।
कुदरत और समय वो‌ हमको देता है।

अच्छा बुरा बस हमारी सोच होती हैं।
न जन्म न मृत्यु हमारे वश में होते हैं।

बस हमारी सोच और जिद होती हैं।
हर कदम हर लम्हा लिखा होता हैं।

रंगमंच पर संसारिक मोह-माया हैं।
हमारी सोच कुदरत का नाम होता है।
******************
नीरज कुमार अग्रवाल चंदौसी उ.प्र

Language: Hindi
15 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

तय
तय
Ajay Mishra
बंजारा हूं मैं...।
बंजारा हूं मैं...।
Kanchan Alok Malu
अंधभक्तो को जितना पेलना है पेल लो,
अंधभक्तो को जितना पेलना है पेल लो,
शेखर सिंह
रही प्रतीक्षारत यशोधरा
रही प्रतीक्षारत यशोधरा
Shweta Soni
"तरीका"
Dr. Kishan tandon kranti
दोहा पंचक. . . जीवन
दोहा पंचक. . . जीवन
sushil sarna
#धरपकड़-
#धरपकड़-
*प्रणय प्रभात*
“मिजाज़-ए-ओश”
“मिजाज़-ए-ओश”
ओसमणी साहू 'ओश'
सियासत खुद का पेट भरेगी
सियासत खुद का पेट भरेगी
Dr. Kishan Karigar
जिंदगी
जिंदगी
विक्रम सिंह
मोबाइल पर बच्चों की निर्भरता:दोषी कौन
मोबाइल पर बच्चों की निर्भरता:दोषी कौन
Sudhir srivastava
काव्य-गीत- प्रथम स्वतंत्रता संग्राम(1857) के अग्रदूत क्राँत
काव्य-गीत- प्रथम स्वतंत्रता संग्राम(1857) के अग्रदूत क्राँत
आर.एस. 'प्रीतम'
3749.💐 *पूर्णिका* 💐
3749.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
हाँ, यह सपना मैं
हाँ, यह सपना मैं
gurudeenverma198
Poem
Poem
Prithwiraj kamila
💐💐कुण्डलिया निवेदन💐💐
💐💐कुण्डलिया निवेदन💐💐
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
अनंत नभ के नीचे,
अनंत नभ के नीचे,
Bindesh kumar jha
भारत का सामार्थ्य जब भी हारा
भारत का सामार्थ्य जब भी हारा
©️ दामिनी नारायण सिंह
सोचता हूँ एक गीत बनाऊं,
सोचता हूँ एक गीत बनाऊं,
श्याम सांवरा
धड़कन
धड़कन
इंजी. संजय श्रीवास्तव
बसंत
बसंत
डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद
लूट का माल
लूट का माल
Dr. P.C. Bisen
अगर.... किसीसे ..... असीम प्रेम करो तो इतना कर लेना की तुम्ह
अगर.... किसीसे ..... असीम प्रेम करो तो इतना कर लेना की तुम्ह
पूर्वार्थ
कौन‌ है, राह गलत उनको चलाता क्यों है।
कौन‌ है, राह गलत उनको चलाता क्यों है।
सत्य कुमार प्रेमी
दर्द व्यक्ति को कमजोर नहीं बल्कि मजबूत बनाती है और साथ ही मे
दर्द व्यक्ति को कमजोर नहीं बल्कि मजबूत बनाती है और साथ ही मे
Rj Anand Prajapati
14. O My Birdie !
14. O My Birdie !
Ahtesham Ahmad
प्यार का दुश्मन ये जमाना है।
प्यार का दुश्मन ये जमाना है।
Divya kumari
फागुन के फाग ह
फागुन के फाग ह
TAMANNA BILASPURI
सत्य
सत्य
देवेंद्र प्रताप वर्मा 'विनीत'
#ਝਾਤ ਮਾਈਆਂ
#ਝਾਤ ਮਾਈਆਂ
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
Loading...