किसी के टुकड़े पर पलने से अच्छा है खुद की ठोकरें खाईं जाए।
फूल सूखी डाल पर खिलते नहीं कचनार के
शूल ही शूल बिखरे पड़े राह में, कण्टकों का सफर आज प्यारा मिला
🥀✍अज्ञानी की 🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
बेशक कितने ही रहें , अश्व तेज़तर्रार
तुम्हारी खुशी में मेरी दुनिया बसती है
कागज को तलवार बनाना फनकारों ने छोड़ दिया है ।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
स्वाभिमानी व्यक्ति हैं चलते हैं सीना ठोककर