*आए फोटो में नजर, खड़े हुए बलवान (हास्य कुंडलिया)*
मेरी जान बस रही तेरे गाल के तिल में
प्रीति - सावन की बौछारों में
पाक दामन मैंने महबूब का थामा है जब से।
𑒚𑒰𑒧-𑒚𑒰𑒧 𑒁𑒏𑒩𑓂𑒧𑒝𑓂𑒨𑒞𑒰 𑒏, 𑒯𑒰𑒙 𑒮𑒥 𑒪𑒰𑒑𑒪 𑒁𑒕𑒱 !
"कहने को हैरत-अंगेज के अलावा कुछ नहीं है ll
'वर्क -ए - ' लिख दिया है नाम के आगे सबके
एक गरीब माँ की आँखों में तपती भूख,
राम आए हैं तो रामराज का भी आना जरूरी है..
#विदा की वेला
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
मेरी माँ
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
क्योंकि वह एक सिर्फ सपना था