बुरे वक्त में हो गया, इसका भी अहसास
मुझे सहारा नहीं तुम्हारा साथी बनना है,
मेरी दुआ है तुझे किसी की बद्दुआ न लगे।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
वो इश्क जो कभी किसी ने न किया होगा
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी "
बस तुम्हारे ही सपने संझोते रहे।
Ghazal
shahab uddin shah kannauji
"साहित्यकार और पत्रकार दोनों समाज का आइना होते है हर परिस्थि
Let me make one thing clear.
शीतलता के भीतर कितने ज्वाल लिए फिरते हैं।
*सदियों से सुख-दुख के मौसम, इस धरती पर आते हैं (हिंदी गजल)*
खुली आबादी से कोई अपना लेना चाहती हूं मुझ में भी दर्द है उसक