शिकवा
मत करो शिकवा मेरे परवाज से !
पहुंचा हूं मै वहां नेकी के साज से !!
छू लोगे तुम भी उन ऊंचाइयों को !
बस बदलो नापाक इरादे आज से !!
पाल पोसकर किया था जिसने बड़ा !
चला घर छोड़कर ऊंची आवाज से !!
• विशाल शुक्ल
मत करो शिकवा मेरे परवाज से !
पहुंचा हूं मै वहां नेकी के साज से !!
छू लोगे तुम भी उन ऊंचाइयों को !
बस बदलो नापाक इरादे आज से !!
पाल पोसकर किया था जिसने बड़ा !
चला घर छोड़कर ऊंची आवाज से !!
• विशाल शुक्ल