Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Jun 2024 · 1 min read

तेरी आँखों की जो ख़ुमारी है

तेरी आँखों की जो ख़ुमारी है
करती मेरी नफ़स-शुमारी है

– मीनाक्षी मासूम

teri aankhon kii jo khumaari hai
karti meri nafas-shumari hai

– Meenakshi Masoom

1 Like · 162 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

*दिल का आदाब ले जाना*
*दिल का आदाब ले जाना*
sudhir kumar
समर्पण.....
समर्पण.....
sushil sarna
One day you will be exactly where you want to be.One day, yo
One day you will be exactly where you want to be.One day, yo
पूर्वार्थ
झूठ की लहरों में हूं उलझा, मैं अकेला मझधार में।
झूठ की लहरों में हूं उलझा, मैं अकेला मझधार में।
श्याम सांवरा
काश! तुम रूबरू होते !
काश! तुम रूबरू होते !
ओनिका सेतिया 'अनु '
छोटी-सी बात यदि समझ में आ गयी,
छोटी-सी बात यदि समझ में आ गयी,
Buddha Prakash
दुनिया की बुनियाद
दुनिया की बुनियाद
RAMESH SHARMA
*दुख का दरिया भी पार न होता*
*दुख का दरिया भी पार न होता*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
माइल है दर्दे-ज़ीस्त,मिरे जिस्मो-जाँ के बीच
माइल है दर्दे-ज़ीस्त,मिरे जिस्मो-जाँ के बीच
Sarfaraz Ahmed Aasee
इतनी के बस !
इतनी के बस !
Shyam Vashishtha 'शाहिद'
*पुस्तक समीक्षा*
*पुस्तक समीक्षा*
Ravi Prakash
उम्र तो गुजर जाती है..... मगर साहेब
उम्र तो गुजर जाती है..... मगर साहेब
shabina. Naaz
❤️🖤🖤🖤❤
❤️🖤🖤🖤❤
शेखर सिंह
स्त्री ने कभी जीत चाही ही नही
स्त्री ने कभी जीत चाही ही नही
Aarti sirsat
मेरे दो बेटे हैं
मेरे दो बेटे हैं
Santosh Shrivastava
तुम हमारा हो ख़्वाब लिख देंगे
तुम हमारा हो ख़्वाब लिख देंगे
Dr Archana Gupta
ना जाने क्या हो गया है मुझे जाने कहाँ खो गया हूँ मैं, और ना
ना जाने क्या हो गया है मुझे जाने कहाँ खो गया हूँ मैं, और ना
पूर्वार्थ देव
मैं बूढ़ा नहीं
मैं बूढ़ा नहीं
Dr. Rajeev Jain
3624.💐 *पूर्णिका* 💐
3624.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
आधा अधूरा सा,थकान भरा तन,
आधा अधूरा सा,थकान भरा तन,
Seema gupta,Alwar
" श्रम "
Dr. Kishan tandon kranti
कन्या
कन्या
Bodhisatva kastooriya
इश्क चख लिया था गलती से
इश्क चख लिया था गलती से
हिमांशु Kulshrestha
- गमों का दरिया -
- गमों का दरिया -
bharat gehlot
माने न माने
माने न माने
Deepesh Dwivedi
हरेला
हरेला
आशा शैली
मैंने कब चाहा जमाने की खुशियां  मिलें मुझको,
मैंने कब चाहा जमाने की खुशियां मिलें मुझको,
इंजी. संजय श्रीवास्तव
जन्मदिन मनाने की परंपरा दिखावे और फिजूलखर्ची !
जन्मदिन मनाने की परंपरा दिखावे और फिजूलखर्ची !
Shakil Alam
#मंगलकामनाएं-
#मंगलकामनाएं-
*प्रणय प्रभात*
जरूरत से ज्यादा
जरूरत से ज्यादा
Ragini Kumari
Loading...