राज की बात
मेरे अजीज मित्र
मेरे पास आए
थोड़े से बेचैन
थोड़े व्याकुल पाए।
आते ही पास मेरे
बोले जानते हो
राज की बात बताएं
क्या मुझे सबसे अच्छा मित्र मानते हो।
मैंने कहा, हाँ मानता हूँ
क्या है वो राज की बात
जो तुम मुझे बताना चाहते हो
क्या सच में हुई है ऐसी बात।
उसने झट से उत्सुकता दिखाई
मेरे कान के पास आया
उसके बोलने से पहले
मैं उसके कान में बड़बड़ाया।
अगर बात राज की है
तो मुझे क्यों बताते हो
राज की बात करके मुझसे
क्यों मित्रता जताते हो।
किसी ने बताया है राज तुम्हें
करके तुम पर विश्वास
चले हो तुम उसको आगे बताने
क्या नहीं है विश्वासघात का एहसास।
राज को राज रहने दो
राज की बात मत खोलो
अगर ये राज खुल गया
तो विश्वास की बात मत बोलो।
@ विक्रम सिंह