उसकी जिम्मेदारियां कभी खत्म नहीं होती,
*पहने कपड़े मॉंगकर, अचकन साड़ी सूट (हास्य कुंडलिया)*
एक रफी साहब एक प्यारे कलाम हैं
Love Is The Reason Behind.
सुख भी चुभते हैं कभी, दुखते सदा न दर्द।
आंख अपनी चुराना नहीं चाहिए।
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
" हवाएं तेज़ चलीं , और घर गिरा के थमी ,
लिख दो ऐसा गीत प्रेम का, हर बाला राधा हो जाए
दोहा पंचक . . . अन्तर्जाल
घूंटती नारी काल पर भारी ?
कुछ असली दर्द हैं, कुछ बनावटी मुसर्रतें हैं