मेरे इन लबों पे तेरा नाम

(शेर)- किसी ने सच ही कहा है, विश्वास उसपे मत करना।
जिसको तुम मानते हो अपना, जिसको दोस्त अपना।।
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मेरे इन लबों पे तेरा नाम, जाने क्यों हटता नहीं।
मेरे दिल में प्यार तेरे लिए, जाने क्यों मिटता नहीं।।
मेरे इन लबों पे तेरा नाम—————————-।।
ऐसा नहीं कि हमने, कोशिश नहीं की कभी।
तुमको भूलाने के लिए, इंतजाम किये सभी।।
क्यों आती है तेरी याद, क्यों ख्याल तेरा जाता नहीं।
मेरे इन लबों पे तेरा नाम————————–।।
वो चाहते हैं हमको बहुत, खत लिखते हैं हमको।
हमसे वफ़ा वो कर चुके हैं, कहते हैं नसीब हमको।।
लेकिन हम तो तुमसे वफ़ा है, दिल उनमें लगता नहीं।
मेरे इन लबों पे तेरा नाम—————————-।।
दिल ने हमसे यह कहा है, तुम हो खुशी दिल की।
तेरे बिन दिल खुश नहीं है, तुम हो शमां मंजिल की।।
इन आँखों में और किसी का, ख्वाब कभी आता नहीं।
मेरे इन लबों पे तेरा नाम—————————–।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)