काम, क्रोध, मोह साथ ना छोड़े काम, क्रोध, मोह साथ ना छोड़े लोभ ना देखे बाट अहंकार जब सिर चढ़ बोले व्यर्थ ये जीवन सार.. मुक्ति 🖋️