जहां कभी प्राण-वायु मिला करती थी, वहां दम घुटने का आभास भी ह

जहां कभी प्राण-वायु मिला करती थी, वहां दम घुटने का आभास भी होता है। एक वक़्त के बाद। बदले हुए हालात में।
😢प्रणय प्रभात😢
जहां कभी प्राण-वायु मिला करती थी, वहां दम घुटने का आभास भी होता है। एक वक़्त के बाद। बदले हुए हालात में।
😢प्रणय प्रभात😢