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20 Oct 2024 · 1 min read

बात मन की

गीतिका
~~
बात मन की कह दिया करना।
क्यों भला है चुप तुम्हें रहना।

छोड़ दो जिद मौन रहने की,
साथ मिल हमको यहां चलना।

दे रहा आवाज जब कोई,
छोड़ निद्रा है हमें जगना।

स्नेह की मृदु भावनाओं को,
साथ में अविरल लिए बढ़ना।

बात बीती भूल भी जाएं,
व्यर्थ है जो याद क्यों रखना।

देख कर दर्पण समझना है,
वक्त ने सीखा नहीं रुकना।

चांदनी का दृश्य मन मोहक,
पूर्ण कर लें आज हम सपना।
~~~~~~~~~~~~~~~
-सुरेन्द्रपाल वैद्य

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 64 Views
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