Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Feb 2025 · 1 min read

चन्द्रिका

गीतिका छंद

चांद की चांदनी जो निखरने लगी |
चन्द्रिका चाँद की अब बिखरने लगी |

प्रेम की वल्लरी जो चढ़ी बाग में,
यामिनी गा उठी प्रीत की राग में |

रागिनी राग में अब चहकने लगी |
चन्द्रिका चाँद की अब बिखरने लगी |
चाँद की चाँदनी जो निरखने लगी |

झांकती ओट से चांद की चांदनी|
ये धरा भी दिखे रूपसी दामनी |

प्रीत की बेल बढ़कर महकने लगी |
चन्द्रिका चाँद की अब बिखरने लगी |
चाँद की चाँदनी अब निरखने लगी |
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम

27 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
View all

You may also like these posts

मैं छोटी नन्हीं सी गुड़िया ।
मैं छोटी नन्हीं सी गुड़िया ।
लक्ष्मी सिंह
शेखर सिंह
शेखर सिंह
शेखर सिंह
मैं तुम्हें लिखता रहूंगा
मैं तुम्हें लिखता रहूंगा
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
वामांगी   सिखाती   गीत।
वामांगी सिखाती गीत।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
ये ज़िंदगी फिर से एक बार ग़म दे गई!
ये ज़िंदगी फिर से एक बार ग़म दे गई!
Ajit Kumar "Karn"
अतीत का पन्ना पलटकर देखने से क्या होगा.. (ग़ज़ल)
अतीत का पन्ना पलटकर देखने से क्या होगा.. (ग़ज़ल)
पियूष राज 'पारस'
विषय- #जो_जैसा_है_उसे_वैसा_ही_अपना_लो_रिश्ते_निभाने_आसान_हो_जाएंगे।
विषय- #जो_जैसा_है_उसे_वैसा_ही_अपना_लो_रिश्ते_निभाने_आसान_हो_जाएंगे।
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
" सच्ची परिभाषा "
Dr. Kishan tandon kranti
सच और झूँठ
सच और झूँठ
विजय कुमार अग्रवाल
आजकल धर्म धूर्तों का
आजकल धर्म धूर्तों का
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
सरसी छंद
सरसी छंद
seema sharma
जो बातें अनुकूल नहीं थीं
जो बातें अनुकूल नहीं थीं
Suryakant Dwivedi
..
..
*प्रणय प्रभात*
"स्वार्थी रिश्ते"
Ekta chitrangini
जनवासा अब है कहाँ,अब है कहाँ बरात (कुंडलिया)
जनवासा अब है कहाँ,अब है कहाँ बरात (कुंडलिया)
Ravi Prakash
मुक्तक
मुक्तक
अवध किशोर 'अवधू'
निज कर्तव्य निभाना है
निज कर्तव्य निभाना है
Sunil Suman
"परिश्रम: सोपानतुल्यं भवति
Mukul Koushik
मोबाइल भक्ति
मोबाइल भक्ति
Satish Srijan
🙅🤦आसान नहीं होता
🙅🤦आसान नहीं होता
डॉ० रोहित कौशिक
वो छोड़ गया था जो
वो छोड़ गया था जो
Shweta Soni
*दर्शन शुल्क*
*दर्शन शुल्क*
Dhirendra Singh
नींद पर दोहे
नींद पर दोहे
आर.एस. 'प्रीतम'
दोहा पंचक. . . . . प्यार
दोहा पंचक. . . . . प्यार
sushil sarna
नव बहूँ
नव बहूँ
Dr. Vaishali Verma
न्याय के मंदिर में!
न्याय के मंदिर में!
Jaikrishan Uniyal
4504.*पूर्णिका*
4504.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Time decides our fate, our journey. And when time changes, e
Time decides our fate, our journey. And when time changes, e
पूर्वार्थ
विषय सूची
विषय सूची
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
ज़िंदगी - एक सवाल
ज़िंदगी - एक सवाल
Shyam Sundar Subramanian
Loading...