किसी भी “अनहोनी” के लिए

किसी भी “अनहोनी” के लिए
“धर्म की दौड़” नहीं
“पाखंड की होड़”
उत्तरदायी होती है।
जिसे दुर्भाग्यपूर्ण ही
कहा जा सकता है।
किसी भी “अनहोनी” के लिए
“धर्म की दौड़” नहीं
“पाखंड की होड़”
उत्तरदायी होती है।
जिसे दुर्भाग्यपूर्ण ही
कहा जा सकता है।