Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Jan 2024 · 1 min read

हे राम हृदय में आ जाओ

हे राम तुम्हारा निर्वासन तो
मात्र तुम्हारे भवन से था,
किन्तु तुम्हारी जग माया में
क्यों तुम नजर नहीं आते?
क्यों छलते रहते तुम सबको
यहाँ नहीं तुम, वहां नही
नजर नहीं आते हो जबकि
निश्चल व अविराम हो।
माना हम सब भूले तुमको
पर तुम कैसे भूल गए ?
हम अज्ञानी मुँह मोड़े थे
तुम भी क्यों मुँह मोड़ गए ?
जीवन का उपहार दिया जो
हम आदर उसे नहीं दे पाए
इसीलिए नाराज हो शायद
व्यर्थ की कार गुजारी से ।
पर अब जो तुम स्व भवन मे आए
इस हृदय भवन में भी आओ ।
कण-कण में अब प्रतिभाषित हो
राम-राज्य फिर से लाओ।
🙏

Language: Hindi
192 Views
Books from Saraswati Bajpai
View all

You may also like these posts

टूटते तारे से यही गुजारिश थी,
टूटते तारे से यही गुजारिश थी,
manjula chauhan
मोबाइल की चमक से भरी रातें,
मोबाइल की चमक से भरी रातें,
Kanchan Alok Malu
😊
😊
*प्रणय*
खिला है
खिला है
surenderpal vaidya
रक्षाबंधन की सभी भाई बहनों को हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाईयां
रक्षाबंधन की सभी भाई बहनों को हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाईयां
Neelofar Khan
गंगा
गंगा
Madhuri mahakash
फिर एक समस्या
फिर एक समस्या
A🇨🇭maanush
मूँछ पर दोहे (मूँछ-मुच्छड़ पुराण दोहावली )
मूँछ पर दोहे (मूँछ-मुच्छड़ पुराण दोहावली )
Subhash Singhai
4307.💐 *पूर्णिका* 💐
4307.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
cwininet
cwininet
Cwini Net
ग़ज़ल
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
जरूरी तो नहीं - हरवंश हृदय
जरूरी तो नहीं - हरवंश हृदय
हरवंश हृदय
इतना मत इठलाया कर इस जवानी पर
इतना मत इठलाया कर इस जवानी पर
Keshav kishor Kumar
दुनियां का सबसे मुश्किल काम है,
दुनियां का सबसे मुश्किल काम है,
Manoj Mahato
नुक्ते के दखल से रार–प्यार/ मुसाफ़िर बैठा
नुक्ते के दखल से रार–प्यार/ मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
नव वर्ष
नव वर्ष
Pooja srijan
अजनबी !!!
अजनबी !!!
Shaily
मन प्रीतम की प्रीत का,
मन प्रीतम की प्रीत का,
sushil sarna
अभिमान
अभिमान
Sudhir srivastava
गणेश जी का आत्मिक दर्शन
गणेश जी का आत्मिक दर्शन
Shashi kala vyas
सस्ता हुआ है बाजार, क़ीमत लगाना चाहिए,
सस्ता हुआ है बाजार, क़ीमत लगाना चाहिए,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
दुख होला झगरा कइला से
दुख होला झगरा कइला से
आकाश महेशपुरी
"हिन्दी और नारी"
Dr. Kishan tandon kranti
जपले प्रभु का जाप परिंदे...!!
जपले प्रभु का जाप परिंदे...!!
पंकज परिंदा
चले बिना पाँव झूठ कितना,
चले बिना पाँव झूठ कितना,
Dr Archana Gupta
#भारतीय संस्कृति से गंगा गाय और गायत्री की नालबद्धता
#भारतीय संस्कृति से गंगा गाय और गायत्री की नालबद्धता
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
मै हारा नही हूं
मै हारा नही हूं
अनिल "आदर्श"
We make Challenges easy and
We make Challenges easy and
Bhupendra Rawat
ये है बेशरम
ये है बेशरम
RAMESH SHARMA
हौंसलों की उड़ान
हौंसलों की उड़ान
Arvind trivedi
Loading...