कई देशों की कहानी में बसा भारतीय देश का संविधान है,

कई देशों की कहानी में बसा भारतीय देश का संविधान है,
कहीं से प्रावधान लिया तो कहीं से न्याय का अधिकार लिया,
कहीं से मौलिकता ले तो कहीं से नागरिकता ले,
ऐसी कहानी है मेरे संविधान की,
भारत का संविधान है अनमोल,
इसकी विचारधारा में बराबरी में ना है इसका कोई मूल,
इसके बातों को ना छुपाया जा सकता है,
ना ही झुठलाया जा सकता है,
अर्थशास्त्र में की जननी है भारत,
की विचारधारा में परिणत है कि जिसका प्रमाण है ये नायाब भारत है,
नायाब धरती है।
रचनाकार: बाबिया खातून