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15 May 2024 · 1 min read

10. *असम्भव नहीं कुछ*

नहीं असम्भव कुछ भी…
गर यत्न करे हम,
मुमकिन है उड़ना बिन पंखों के भी…
गर आशाओं के पंख लगा ले हम।
होगा गगन भी पांवों तले…
गर उड़ान भरें संकल्प से हम।
हर मुश्किल होगी आसान..
गर प्रयत्न करें हम।
मिटेगा गमों का अंधेरा …
गर खुशियों के दीप जलाएं हम।
खुशियों से महकेगा चमन..
गर वक़्त की गर्दिशों को भुला दे हम ।
जब जागेगें तभी होगा सवेरा,
गर गफलत से निकले तो हम।
मंजिल भी मिलेगी जरूर…
‘मधु’ गर बढ़ते जायेगें हम।

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Books from Dr .Shweta sood 'Madhu'
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