Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Nov 2024 · 1 min read

ग़ज़ल गीत तन्हा……., ही गाने लगेंगे।

ग़ज़ल गीत तन्हा……., ही गाने लगेंगे।
मुझे भूलने में…………, ज़माने लगेंगे।

ख़फ़ा हूँ मैं तुमसे, यूँ ही कह दिया बस,
मुझे क्या पता था….? वो जाने लगेंगे।

अगर रेत में अक्स…….., तेरा बनाया,
किनारे नदी के………., लजाने लगेंगे।

मोहब्बत में ऐसी…., रिवायत लिखूँगा,
फ़रिश्ते ज़ुबानी………., सुनाने लगेंगे।

यकीं हौसलों पर…, उड़ानों से ज़्यादा,
सितारे फ़लक पर……, सजाने लगेंगे।

मेरे दर्द की जो…….., सुनी दास्तां गर,
रुके आँसुओं को………, बहाने लगेंगे।

न छू ले कहीं आसमाँ…, ये “परिंदा”,
परों को मेरे वो………, जलाने लगेंगे।

पंकज शर्मा “परिंदा”

Language: Hindi
89 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from पंकज परिंदा
View all

You may also like these posts

‘ विरोधरस ‘---8. || आलम्बन के अनुभाव || +रमेशराज
‘ विरोधरस ‘---8. || आलम्बन के अनुभाव || +रमेशराज
कवि रमेशराज
😘अभी-अभी😘
😘अभी-अभी😘
*प्रणय प्रभात*
श्रंगार
श्रंगार
Vipin Jain
मैंने एक चांद को देखा
मैंने एक चांद को देखा
नेताम आर सी
शहीद का गांव
शहीद का गांव
Ghanshyam Poddar
नारी तू मानवता का आधार
नारी तू मानवता का आधार
Dr. Ravindra Kumar Sonwane "Rajkan"
*इंसान बन जाओ*
*इंसान बन जाओ*
Shashank Mishra
*चल रे साथी यू॰पी की सैर कर आयें*🍂
*चल रे साथी यू॰पी की सैर कर आयें*🍂
Dr. Vaishali Verma
मिजाज मेरे गांव की....
मिजाज मेरे गांव की....
Awadhesh Kumar Singh
"आरंभ से कोई मिला नहीं है"
©️ दामिनी नारायण सिंह
अब  रह  ही  क्या गया है आजमाने के लिए
अब रह ही क्या गया है आजमाने के लिए
हरवंश हृदय
साजन की याद ( रुचिरा द्वितीय छंद)
साजन की याद ( रुचिरा द्वितीय छंद)
guru saxena
कहने   वाले   कहने   से   डरते  हैं।
कहने वाले कहने से डरते हैं।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
बह्र ## 2122 2122 2122 212 फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन काफिया ## चुप्पियाँ (इयाँ) रदीफ़ ## बिना रदीफ़
बह्र ## 2122 2122 2122 212 फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन काफिया ## चुप्पियाँ (इयाँ) रदीफ़ ## बिना रदीफ़
Neelam Sharma
"प्रीत-रंग"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
निंदिया रोज़ मुझसे मिलने आती है,
निंदिया रोज़ मुझसे मिलने आती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
"उल्लास"
Dr. Kishan tandon kranti
आज का सच नही है
आज का सच नही है
Harinarayan Tanha
कुछ पूछना है तुमसे
कुछ पूछना है तुमसे
सोनू हंस
तुझमें क्या बात है
तुझमें क्या बात है
Chitra Bisht
जी.आज़ाद मुसाफिर भाई
जी.आज़ाद मुसाफिर भाई
gurudeenverma198
*भोजन की स्वच्छ रसोई हो, भोजन शुचि हाथों से आए (राधेश्यामी छ
*भोजन की स्वच्छ रसोई हो, भोजन शुचि हाथों से आए (राधेश्यामी छ
Ravi Prakash
सृजन
सृजन
Rekha Drolia
4. दृष्टि
4. दृष्टि
Lalni Bhardwaj
वो मानसिक रोगी होता है जो सामान्य रूप से किसी की खुशी में खु
वो मानसिक रोगी होता है जो सामान्य रूप से किसी की खुशी में खु
pratibha Dwivedi urf muskan Sagar Madhya Pradesh
वो भी क्या दिन थे ...( एक उम्र दराज़ की दास्तान )
वो भी क्या दिन थे ...( एक उम्र दराज़ की दास्तान )
ओनिका सेतिया 'अनु '
कुलदीप बनो तुम
कुलदीप बनो तुम
Anamika Tiwari 'annpurna '
कुछ तो पोशीदा दिल का हाल रहे
कुछ तो पोशीदा दिल का हाल रहे
Shweta Soni
कुंती का भय
कुंती का भय
Shashi Mahajan
माल हवे सरकारी खा तू
माल हवे सरकारी खा तू
आकाश महेशपुरी
Loading...