Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 May 2024 · 1 min read

अब रह ही क्या गया है आजमाने के लिए

अब रह ही क्या गया है आजमाने के लिए
कुछ देखने के लिए या दिखाने के लिए
खुद को झुका दिया हमने बाबा के दरबार में
दो हाथ आगे आ गए मुझको उठाने के लिए

– हरवंश हृदय, बांदा

206 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

तब घर याद आता है
तब घर याद आता है
दीपक बवेजा सरल
ऐसे यूं ना देख
ऐसे यूं ना देख
Shashank Mishra
*कांटों की सेज*
*कांटों की सेज*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
पुस्तक समीक्षा- उपन्यास विपश्यना ( डॉ इंदिरा दांगी)
पुस्तक समीक्षा- उपन्यास विपश्यना ( डॉ इंदिरा दांगी)
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
टीचर्स डे
टीचर्स डे
अरशद रसूल बदायूंनी
3189.*पूर्णिका*
3189.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
काव्य की आत्मा और रागात्मकता +रमेशराज
काव्य की आत्मा और रागात्मकता +रमेशराज
कवि रमेशराज
- तुझको देखा तो -
- तुझको देखा तो -
bharat gehlot
पुरुष नहीं रोए शमशान में भी
पुरुष नहीं रोए शमशान में भी
Rahul Singh
क्योंँ छोड़कर गए हो!
क्योंँ छोड़कर गए हो!
दीपक झा रुद्रा
बेटियों का जीवन_एक समर– गीत।
बेटियों का जीवन_एक समर– गीत।
Abhishek Soni
मौर ढलल
मौर ढलल
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
जिंदगी की हर कसौटी पर इम्तिहान हमने बखूबी दिया,
जिंदगी की हर कसौटी पर इम्तिहान हमने बखूबी दिया,
manjula chauhan
🙅आम सूचना🙅
🙅आम सूचना🙅
*प्रणय प्रभात*
नायक कैसा हो? (छंदमुक्त काव्य )
नायक कैसा हो? (छंदमुक्त काव्य )
Neerja Sharma
लिया गुलाल हाथ में,
लिया गुलाल हाथ में,
Madhu Gupta "अपराजिता"
स्वामी श्रद्धानंद
स्वामी श्रद्धानंद
मनोज कर्ण
"विनती बारम्बार"
Dr. Kishan tandon kranti
घर क्यों नहीं जाते
घर क्यों नहीं जाते
Shekhar Chandra Mitra
!!!! कब होगा फैसला मेरा हक़ में !!!!
!!!! कब होगा फैसला मेरा हक़ में !!!!
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
*रामपुर में सर्वप्रथम गणतंत्र दिवस समारोह के प्रत्यक्षदर्शी श्री रामनाथ टंडन*
*रामपुर में सर्वप्रथम गणतंत्र दिवस समारोह के प्रत्यक्षदर्शी श्री रामनाथ टंडन*
Ravi Prakash
खडा खोड झाली म्हणून एक पान फाडल की नवकोर एक पान नाहक निखळून
खडा खोड झाली म्हणून एक पान फाडल की नवकोर एक पान नाहक निखळून
Sampada
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
Just Like A Lonely Star.
Just Like A Lonely Star.
Manisha Manjari
*
*"श्रद्धा विश्वास रुपिणौ'"*
Shashi kala vyas
दोहा पंचक
दोहा पंचक
sushil sarna
जब महकी है
जब महकी है
surenderpal vaidya
सावन के झूलों पे, पूछे सखियाँ
सावन के झूलों पे, पूछे सखियाँ
gurudeenverma198
बिरखा
बिरखा
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
2122 1122 1122 22
2122 1122 1122 22
sushil yadav
Loading...