Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 May 2024 · 1 min read

4. दृष्टि

मछली को तड़पते
देखा है सबने।
जल के बाहर ।
तडपन नही दिखती
उसकी
जल के भीतर।
छ्टपटाती तो होगी वह
जल के भीतर भी ।
तैरते मटकते,
ऊपर नीचे,
चुपके से
डुबकी लगाते हुए
आहत होकर
कभी तो
कुंठित भी होती होगी वह ।
काश
दृष्टि ऐसी होती कोई,
स्वच्छ निर्मल जल को
बेंध लेती।
इस पार -उस पार होते
छटपटाहट उसकी –
भांप लेती –
जल के भीतर भी।।
शायद
तब लालायित न रहती
हर दृष्टि
तड़पन उसकी परखने को
चुभन उसकी-
अपनी सी लगती।
क्या जल के बाहर,
क्या जल के भीतर। ***

47 Views
Books from Lalni Bhardwaj
View all

You may also like these posts

मुक्तक
मुक्तक
अवध किशोर 'अवधू'
यह शहर पत्थर दिलों का
यह शहर पत्थर दिलों का
VINOD CHAUHAN
प्रेम दोनों तरफ हो,
प्रेम दोनों तरफ हो,
लक्ष्मी सिंह
हनुमान वंदना/त्रिभंगी छंद
हनुमान वंदना/त्रिभंगी छंद
guru saxena
फूल
फूल
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
"सम्मान व संस्कार व्यक्ति की मृत्यु के बाद भी अस्तित्व में र
डॉ कुलदीपसिंह सिसोदिया कुंदन
प्रेम के दो  वचन बोल दो बोल दो
प्रेम के दो वचन बोल दो बोल दो
Dr Archana Gupta
Life equations
Life equations
पूर्वार्थ
गुरु दीक्षा
गुरु दीक्षा
GOVIND UIKEY
सुना है नींदे चुराते हैं ख्वाब में आकर।
सुना है नींदे चुराते हैं ख्वाब में आकर।
Phool gufran
"बेहतर दुनिया के लिए"
Dr. Kishan tandon kranti
ख़ुद रंग सा है यूं मिजाज़ मेरा,
ख़ुद रंग सा है यूं मिजाज़ मेरा,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ज़िंदगी - एक सवाल
ज़िंदगी - एक सवाल
Shyam Sundar Subramanian
3650.💐 *पूर्णिका* 💐
3650.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
World Hypertension Day
World Hypertension Day
Tushar Jagawat
*जो भी जन भोले-भाले हैं, उनको केवल पछताना है (राधेश्यामी छंद
*जो भी जन भोले-भाले हैं, उनको केवल पछताना है (राधेश्यामी छंद
Ravi Prakash
कनक थाल बैठे दो दीपक
कनक थाल बैठे दो दीपक
Madhuri mahakash
दुनिया का पहला शायर
दुनिया का पहला शायर
Shekhar Chandra Mitra
गांव की झोपड़ी
गांव की झोपड़ी
Vivek saswat Shukla
दुनिया की बुनियाद
दुनिया की बुनियाद
RAMESH SHARMA
खोजने लगी वो सुख का खज़ाना,
खोजने लगी वो सुख का खज़ाना,
Ajit Kumar "Karn"
फिर कब आएगी ...........
फिर कब आएगी ...........
SATPAL CHAUHAN
हिन्दी
हिन्दी
Dr.Pratibha Prakash
औरत
औरत
Ahtesham Ahmad
मिल जाये
मिल जाये
Dr fauzia Naseem shad
अगर मुझे पढ़ सको तो पढना जरूर
अगर मुझे पढ़ सको तो पढना जरूर
शेखर सिंह
नजर से मिली नजर....
नजर से मिली नजर....
Harminder Kaur
।
*प्रणय*
बापूजी
बापूजी
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
बहर के परे
बहर के परे
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी "
Loading...