हर चीज से वीरान मैं अब श्मशान बन गया हूँ,
प्रेम का कोई रूप नहीं होता जब किसी की अनुभूति....
किस बात का गुरुर हैं,जनाब
गीत - जीवन मेरा भार लगे - मात्रा भार -16x14
शीर्षक -पिता दिये की बाती हैं!
भए प्रगट कृपाला, दीनदयाला,
अब्राहमिक प्रभाव से ग्रस्त हमारे अधिकांश शिक्षक और धर्माचार्य (Most of our teachers and religious leaders suffer from Abrahamic influence)
यही रात अंतिम यही रात भारी।
गजल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
In life ever enjoy & cheer everybody Wish you lot's Happy ne
#रंगभूमि बलात् छल कमाती क्यों है
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी