कुछ इस कदर इश्क
मैं तुझे कुछ इस कदर,
इश्क करने लगा हूँ
बेढ़ता हूँ ध्यान पे और
ध्यान तेरा करने लगा हूँ
सोचता हूँ मैं तुझे और
बेवजहा हंसने लगा हूँ
कि मैं तुझे कुछ इस कदर,
इश्क करने लगा हूँ
लुट चुका हूँ इस कदर,
प्यार मे तेरे सनम
लूट चुकी है तेरी एक,
मुस्कुराहट पे सनम
मैं तुझे कुछ इस कदर,
इश्क करने लगा हूँ
कि दर्द भी अब हमदर्द,
लगने लगा है
गुनाह भी अब ते
बेगुनाह लगने लगा है।
मैं तुझे कुछ इस कद्र,
इश्क करने लगा हूँ
हसरतें अब तेरी मुझे
मेरी लगने लगी है सनम
दिल की हर धड़कन मेरी,
अब तेरी लगने लगी है सनम