Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Feb 2024 · 1 min read

तरुणाई इस देश की

ले अंगड़ाई जाग उठी है तरुणाई इस देश की,
वसुंधरा पर बच ना सकेगी अब लंका लंकेश की।
घावों का दर्द छिपा कर गाए थे जो प्रणय तराने,
उसी कंठ से फूट पड़े हैं हा!आज प्रलय के गाने।
जलती-सी चिंगारी से उपजी है अब मादक हाला,
जिसको पीकर देश का युवा आज बना है मतवाला।
बाधाऍं इसके मग में अब टिक ना सकेगी लेश भी,
ले अंगड़ाई जाग उठी है तरुणाई इस देश की।
आंखों में उन्माद बसा है बिजली कौंधी नस-नस में,
स्वर में एक हुंकार भरा है अग्नि छाई तन- मन में।
बहुत सहे है बंधन इसने औ’ बहुत सहे है शोले,
धधक रहे है इसके उर में अब प्रतिशोध के गोले।
रोक न सकेंगे इसकी गतिविधि प्रलयंकर महेश भी,
ले अंगड़ाई जाग उठी है तरुणाई इस देश की।
सूरज न ठहर सकेगा इस तेजोमय तेज के आगे,
इसकी गति मात्र से ही आज दिग्दिगन्त तक सब काॅंपे
लोक लाज का भय दिखलाके तुम उसको चले डराने,
यश मर्यादा के चक्रव्यूह में अब उसे चले फॅंसाने।
फाॅंस न सकेंगे आज उसे चाहे आए सर्वेश भी,
ले अंगड़ाई जाग उठी है तरुणाई इस देश की।
उसकी रग-रग से धधकी है अमोघ क्रांति की ज्वाला,
जल जाएगा सारा जिसमें जग का विषधर औ’ काला।
जग आज उसे पाप-पुण्य का यह ज्ञान नहीं बतलाए,
उसको मनचाही करने दे उसकी राह में ना आए।
खुद रच लेगा वह अपने आदर्श औ’ निज परिवेश भी,
ले अंगड़ाई जाग उठी है तरुणाई इस देश की।

—प्रतिभा आर्य
‌ चेतन एनक्लेव,
अलवर (राजस्थान)

Language: Hindi
2 Likes · 465 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
View all

You may also like these posts

लिव-इन रिलेशनशिप
लिव-इन रिलेशनशिप
लक्ष्मी सिंह
*वही शादी वही गाने, वही फिर मंच सजता है (हिंदी गजल)*
*वही शादी वही गाने, वही फिर मंच सजता है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
असली सफलता
असली सफलता
Dr. Kishan tandon kranti
मन
मन
MEENU SHARMA
अतीत
अतीत
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
दुआ सलाम न हो पाए...
दुआ सलाम न हो पाए...
अरशद रसूल बदायूंनी
गीत _ इतना तो बतलाओ तुम !
गीत _ इतना तो बतलाओ तुम !
Neelofar Khan
4473.*पूर्णिका*
4473.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
तेरी आँखों की जो ख़ुमारी है
तेरी आँखों की जो ख़ुमारी है
Meenakshi Masoom
**रक्षा सूत्र का प्रण**
**रक्षा सूत्र का प्रण**
Dr Mukesh 'Aseemit'
रुकना नहीं चाहता कोई
रुकना नहीं चाहता कोई
Shriyansh Gupta
क्या हुआ ???
क्या हुआ ???
Shaily
मैं अलहड सा
मैं अलहड सा
प्रकाश जुयाल 'मुकेश'
किसी ने प्रेरित किया है मुझे
किसी ने प्रेरित किया है मुझे
Ajit Kumar "Karn"
My Guardian Angel!
My Guardian Angel!
R. H. SRIDEVI
मायका
मायका
Mansi Kadam
“मधुरबोल”
“मधुरबोल”
DrLakshman Jha Parimal
..
..
*प्रणय प्रभात*
कुम्भ स्नान -भोजपुरी श्रंखला - भाग - 1
कुम्भ स्नान -भोजपुरी श्रंखला - भाग - 1
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
रंग दे बसंती चोला
रंग दे बसंती चोला
डिजेन्द्र कुर्रे
बाण मां के दोहे
बाण मां के दोहे
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
किसान
किसान
Dp Gangwar
भोर सुनहरी
भोर सुनहरी
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
प्रेम की भाषा
प्रेम की भाषा
Kanchan Alok Malu
चराग़ों ने इन हवाओं को क्या समझ रखा है,
चराग़ों ने इन हवाओं को क्या समझ रखा है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
उनके नैनन के वार झेलेनी
उनके नैनन के वार झेलेनी
आकाश महेशपुरी
रात घिराकर तम घना, देती है आराम
रात घिराकर तम घना, देती है आराम
Dr Archana Gupta
"पँ0 कृष्णराव गणेश" के जन्मदिन, 20 जनवरी पर विशेष"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
माँ वीणावादिनी
माँ वीणावादिनी
Girija Arora
हुनर है झुकने का जिसमें दरक नहीं पाता
हुनर है झुकने का जिसमें दरक नहीं पाता
Anis Shah
Loading...