पुराना हर खिलौना बाँट देना है ग़रीबों में

पुराना हर खिलौना बाँट देना है ग़रीबों में
मुझे माँ बाप ने बचपन से ही सदक़ा सिखाया था
उसे देखा नए आशिक़ के संग बाज़ार में मैंने
तो छोटी उम्र में सीखा सबक वो याद आया था
जॉनी अहमद ‘क़ैस’
पुराना हर खिलौना बाँट देना है ग़रीबों में
मुझे माँ बाप ने बचपन से ही सदक़ा सिखाया था
उसे देखा नए आशिक़ के संग बाज़ार में मैंने
तो छोटी उम्र में सीखा सबक वो याद आया था
जॉनी अहमद ‘क़ैस’