बहुत सी बातें होती है जिनकी शिकायतें नही होती.. बस तकलीफें ह

बहुत सी बातें होती है जिनकी शिकायतें नही होती.. बस तकलीफें होती है.. और तकलीफ ऐसी जिसमे दर्द नही होता सिर्फ ठेस लगती है.. हमारी उम्मीदों को.. हमारे भरोसे को.. हमारे व्यवहार को.. और खुद के स्वभाव को..
फिर भी हम बिल्कुल सामान्य दिखाने की कोशिश करते, न कोई शिकायत न कोई उखड़ा व्यवहार.. बस खुद को सीमित कर लेते.. थोड़ा चुप हो जातें..
हमे पता भी नही चलता.. हम बदल चुके होते है.. सालों साल बाद किसी को लगता है हम बदल गए है.. लेकिन उन्हें क्या बताए ! हम खुद से नही बदले किसी ने मजबूर कर दिया था बदलने के लिए ।
खैर जो भी था, है “ठीक है! अब किसी और के आगे गिड़गिड़ाने की शक्ति मुझमें शेष नहीं है.. और फिर से किसी पर विश्वाश कर पाने जैसी सहनशक्ति मुझमें बाकी नहीं है ! 🖤
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#तुम्हारी_याद