Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
0
Notifications
Settings
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
20 Followers
Follow
Report this post
27 Feb 2024 · 1 min read
नैतिक वचन
काया या माया का जब हो अति दर्प।
मानव विचरे बन जहरीला सर्प।।
ओम प्रकाश श्रीवास्तव ओम
Language:
Hindi
Tag:
कोटेशन
Like
Share
253 Views
Share
Facebook
Twitter
WhatsApp
Copy link to share
Copy
Link copied!
You may also like these posts
तपती दुपहरी
Akash RC Sharma
विकल्प///स्वतन्त्र कुमार
स्वतंत्र ललिता मन्नू
मोनू बंदर का बदला
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
तू नर नहीं नारायण है
Dr. Upasana Pandey
Ram Mandir
Sanjay ' शून्य'
अनहद नाद
मनोज कर्ण
रंगोली
Neelam Sharma
महिलाएं जितना तेजी से रो सकती है उतना ही तेजी से अपने भावनाओ
Rj Anand Prajapati
हाथों ने पैरों से पूछा
Shubham Pandey (S P)
समय
नूरफातिमा खातून नूरी
मरहटा छंद
Subhash Singhai
समय बदलता
surenderpal vaidya
जो छलके शराब अपने पैमाने से तो समझना नशा हो गया है
Rj Anand Prajapati
श्रीराम मंगल गीत।
Acharya Rama Nand Mandal
सारी जिंदगी कुछ लोगों
shabina. Naaz
जेठ की दुपहरी में
Shweta Soni
कम से कम..
हिमांशु Kulshrestha
"हमें चाहिए बस ऐसा व्यक्तित्व"
Ajit Kumar "Karn"
इंसानियत अभी जिंदा है
Sonam Puneet Dubey
कभी मिले नहीं है एक ही मंजिल पर जानें वाले रास्तें
Sonu sugandh
#चुनावी मौसम में-
*प्रणय*
हिस्से की धूप
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
" गुल "
Dr. Kishan tandon kranti
عبادت کون کرتا ہے
Dr fauzia Naseem shad
दिन की शुरुआत
Dr. Pradeep Kumar Sharma
* श्री ज्ञानदायिनी स्तुति *
लक्ष्मण 'बिजनौरी'
मतलब निकल गया तो यूँ रुसवा न कीजिए
आकाश महेशपुरी
ये आप पर है कि ज़िंदगी कैसे जीते हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
"प्रॉब्लम"
अमित कुमार
शिव आराध्य राम
Pratibha Pandey
Loading...