Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Feb 2024 · 1 min read

झरोखा

झरोखा नैनो का खोला, ज़िंदगी मुझसे रूबरू हुई।
ख्वाब ओझल हो गए सब, हकीकत की गुफ्तगू हुई।

झरोखा खोल कर रखना, गर बचना चाहो ठोकर से,
फिर न कहना ज़िंदगी ये, मुश्किलों की बस रफू हुई।

कितने संघर्षों से मंजिल का, ख्वाब संजो के रखना है,
चलना नित जारी रहता हैं, राहें तो अभी ही शुरू हुई।

हो न कोई कसूर झांक कर, देखा करते हैं झरोखों से,
पर्दे खुद पर डाले जिन्होंने, निगाहें फिर बेआबरू हुईं।

झरोखों से मन में झांका जब, झुकती हुई नजर से,
देख जमाने की सच्चाई,दफन उम्मीद ए आरजू हुई ।

स्वरचित एवं मौलिक
कंचन वर्मा

100 Views

You may also like these posts

फूल की प्रेरणा खुशबू और मुस्कुराना हैं।
फूल की प्रेरणा खुशबू और मुस्कुराना हैं।
Neeraj Agarwal
- जिंदगी का तमाशा बना दिया -
- जिंदगी का तमाशा बना दिया -
bharat gehlot
" गुलाब "
Dr. Kishan tandon kranti
हठधर्मिता से रखिए दूरी
हठधर्मिता से रखिए दूरी
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
"माँ का आँचल"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
मन के द्वीप
मन के द्वीप
Dr.Archannaa Mishraa
अहंकार
अहंकार
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
4211💐 *पूर्णिका* 💐
4211💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
सुखी जीवन मंत्रा
सुखी जीवन मंत्रा
विजय कुमार अग्रवाल
Ready to step out of your comfort zone? The extra mile is wh
Ready to step out of your comfort zone? The extra mile is wh
पूर्वार्थ
सत्य से सबका परिचय कराएं आओ कुछ ऐसा करें
सत्य से सबका परिचय कराएं आओ कुछ ऐसा करें
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
नीति री बात
नीति री बात
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
तुम, तुम और तुम
तुम, तुम और तुम
Acharya Shilak Ram
जब तक हम अपने भीतर नहीं खोजते हम अधूरे हैं और पूर्ण नहीं बन
जब तक हम अपने भीतर नहीं खोजते हम अधूरे हैं और पूर्ण नहीं बन
Ravikesh Jha
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
डर
डर
Girija Arora
शीर्षक :मैंने हर मंज़र देखा है
शीर्षक :मैंने हर मंज़र देखा है
Harminder Kaur
खंजर
खंजर
Kshma Urmila
हार्पिक से धुला हुआ कंबोड
हार्पिक से धुला हुआ कंबोड
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
प्यार की कद्र
प्यार की कद्र
ओनिका सेतिया 'अनु '
राम
राम
Meenakshi Bhatnagar
*साम्ब षट्पदी---*
*साम्ब षट्पदी---*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
कार्य का भाव
कार्य का भाव
Ankit Halke jha
दिल सचमुच आनंदी मीर बना।
दिल सचमुच आनंदी मीर बना।
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
पंचायती राज दिवस
पंचायती राज दिवस
Bodhisatva kastooriya
पराया
पराया
Mansi Kadam
गए वे खद्दर धारी आंसू सदा बहाने वाले।
गए वे खद्दर धारी आंसू सदा बहाने वाले।
कुंवर तुफान सिंह निकुम्भ
भरोसे के काजल में नज़र नहीं लगा करते,
भरोसे के काजल में नज़र नहीं लगा करते,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
इंतजार
इंतजार
NAVNEET SINGH
Loading...