प्रेमिका की शंख समान गर्दन बस एक सूखा वृक्ष है

प्रेमिका की शंख समान गर्दन बस एक सूखा वृक्ष है
यदि विवेक न हो।
हरेक माह प्रेमियों की अदला-बदली करती फिरती हो
यदि दिल नेक न हो।।
प्रेमिका की शंख समान गर्दन बस एक सूखा वृक्ष है
यदि विवेक न हो।
हरेक माह प्रेमियों की अदला-बदली करती फिरती हो
यदि दिल नेक न हो।।