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16 Feb 2025 · 1 min read

निंद भी उड़ जाती है ...

निंद भी उड़ जाती है …
दिलों के महफ़िल में../
किसी को भूल कर सौ जाना…
इतना आसान कहाँ…../.
विशाल प्रजापति

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