तलाश ए सुकून..
अब किसी मंज़िल की
तलाश नही रही मेरे मन को
अब सुकून की चाहत लिए
राह-ए-ज़िन्दगी पर
मेरी नजरों को…
बेसब्र तलाश रहेगी तुम्हारी
हिमांशु Kulshrestha
अब किसी मंज़िल की
तलाश नही रही मेरे मन को
अब सुकून की चाहत लिए
राह-ए-ज़िन्दगी पर
मेरी नजरों को…
बेसब्र तलाश रहेगी तुम्हारी
हिमांशु Kulshrestha