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28 May 2024 · 1 min read

वो एक एहसास

वो एक एहसास , जिस का आभास
तेरे आने से पहले मिल जाता है,
और कारवां तेरी यादों को समेटे हुए
मेरा हमराही बन कर साथ निभाता है !!

प्यार के दो बोल सुनने को बेताब
रहता है, इस दिल का घरोंदा
हवा का एक झोका उस को याद
दिलवाने में कर देता है समझोता !!

मंजिलों को पार करते करते गुजर
जाती हैं न जाने कितनी दूरियां ,
तू पास न होकर भी पास का एहसास
दिलवाती हैं मुझे यह दूरिया !!

इक पल में जैसे सिमट जाती हैं
एहसास के इन लम्हों कि दूरियां ,
जब दो बोल तेरे मुखड़े से निकल
कर मेरे साथ , साथ मिटा देती हैं दूरिया !!

यह सच है, कि जिन्दगी कटती नहीं,
एहसास को छोड़ कर यह दूरिया,
सुखद , एहसास ,प्यार का समावेश
आकर मिला देती हैं यह दूरिया !!

कवि अजीत कुमार तलवार
मेरठ

Language: Hindi
1 Like · 157 Views
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