यह नवीन साल।
यह नवीन साल।
ह्रदय भरा उमंग हो
प्रफ़ुल्ल, चारु अंग हो,
प्रखर, प्रबुद्ध भाल
यह नवीन साल।
मिटे दिलों से दूरियाँ
रुके कटार, छुरियाँ,
न द्वेष, द्वंद्व पाल
यह नवीन साल।
बढ़ो कि पूर्ण आस हो
कभी न नर निराश हो,
सबल, समर्थ हाल
यह नवीन साल।
अनिल मिश्र प्रहरी ।