Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 May 2024 · 1 min read

What if…

What if smiles lit up the day,
And worries faded far away?

What if hope filled the air,
Erasing every trace of fear?

What if kindness cared the land,
And loved all with a helping hand?

What if dreams were so wide,
Leading us to a world untied?

What if “what if” ruled us each day,
In every moment and every way?

Language: English
3 Likes · 661 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from R. H. SRIDEVI
View all

You may also like these posts

नेकी जिसके खून में
नेकी जिसके खून में
RAMESH SHARMA
दो लॉयर अति वीर
दो लॉयर अति वीर
AJAY AMITABH SUMAN
यथार्थ
यथार्थ
Shyam Sundar Subramanian
अपनी क़ीमत कोई नहीं रक्खी ,
अपनी क़ीमत कोई नहीं रक्खी ,
Dr fauzia Naseem shad
What strange things did Modi Ji say on foreign soil? The ear
What strange things did Modi Ji say on foreign soil? The ear
DrLakshman Jha Parimal
सुनसान कब्रिस्तान को आकर जगाया आपने
सुनसान कब्रिस्तान को आकर जगाया आपने
VINOD CHAUHAN
अक्सर ये ख्याल सताता है
अक्सर ये ख्याल सताता है
Chitra Bisht
सत्यम शिवम सुंदरम🙏
सत्यम शिवम सुंदरम🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
रीत की वात अवं किनखs भावज
रीत की वात अवं किनखs भावज
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी "
बाबोसा
बाबोसा
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
आज का युग ऐसा है...
आज का युग ऐसा है...
Ajit Kumar "Karn"
दरख्त
दरख्त
पूनम 'समर्थ' (आगाज ए दिल)
सत्य की यात्रा
सत्य की यात्रा
ललकार भारद्वाज
कुछ लोग
कुछ लोग
Dr.Pratibha Prakash
हर एक अनुभव की तर्ज पर कोई उतरे तो....
हर एक अनुभव की तर्ज पर कोई उतरे तो....
दीपक बवेजा सरल
मन के मीत
मन के मीत
Ramswaroop Dinkar
दोहे
दोहे
Rambali Mishra
विदाई के लिए
विदाई के लिए
आकाश महेशपुरी
दिए जलाओ प्यार के
दिए जलाओ प्यार के
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
कही-अनकही
कही-अनकही
Deepesh Dwivedi
Hey you...
Hey you...
पूर्वार्थ देव
मैंने अब रूठना छोड़ दिया क्योंकि मनाने वाला ही रुठ गया।
मैंने अब रूठना छोड़ दिया क्योंकि मनाने वाला ही रुठ गया।
Aisha mohan
दोहा पंचक. . . . . प्रीति
दोहा पंचक. . . . . प्रीति
sushil sarna
पिंगल प्रसाद पाकर नवीन छंद सूत्रों की खोज मेरे जीवन की अमूल्
पिंगल प्रसाद पाकर नवीन छंद सूत्रों की खोज मेरे जीवन की अमूल्
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
नारी..... एक खोज
नारी..... एक खोज
Neeraj Kumar Agarwal
बड़े गुरुओं का एक ही कहना
बड़े गुरुओं का एक ही कहना
Buddha Prakash
दिल के रिश्तों को संभाले रखिए जनाब,
दिल के रिश्तों को संभाले रखिए जनाब,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
शीर्षक – वेदना फूलों की
शीर्षक – वेदना फूलों की
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
धवल दीक्षित (मुक्तक)
धवल दीक्षित (मुक्तक)
Ravi Prakash
"क्रूरतम अपराध"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...