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27 Oct 2024 · 1 min read

मन को कर लो अपना हल्का ।

आंखो से आसू बह जाने दो,
बोझ दिल का घट जाने दो,
जग सागर से गहरा है,
मन सब का ही बहरा है,

माया जाल का पहरा है,
तृष्णा ही जड़ है मन का,
जकड़ने का काम है इसका,
भ्रम में कैसे डूब रहे हो,

दुःख दर्द को लेकर न बैठो,
गम हो तो खुल के कह दो,
अश्कों से कह दो अब तो छलको,
मन को कर लो अपना हल्का ।

दो बाते उनसे भी कह दो,
साथी जीवन का जो है सच्चा,
जीवन का अनुभव हो यदि कच्चा,
बेफिक्र हो साझा कर रास्ता।

रचनाकार –
बुद्ध प्रकाश ,
मौदहा हमीरपुर ॥

Language: Hindi
1 Like · 68 Views
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