Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Jan 2024 · 1 min read

अयोध्या

हो रहा है प्रात सरयू-तट नया,
सूर्य से आकाश देखो सज गया।
दिशाएं कर दी विजय की घोषणा,
मिट गईं होंगी भरत की वेदना!

छिप गए तम और तम के गुप्तचर,
अबल होकर छिप गए,सबल विषधर।
‘राम का संधर्ष’ आड़े अड़ गया,
‘झूठ’ पर फिर ‘सत्य’ भारी पड़ गया।

जो हुए,सो कल हुए,अब गत हुए,
राम – द्वेषी मंथरा भी नत हुए-
“राम हैं नहीं आपके, हमारे भी पिता!
अयोध्या के फ़लक़ की सीता,सिता।”

लग रहा उत्तम नगर साकेत है,
सौंदर्य में सचमुच अतुल अद्वैत है।
खुल रहा अब इस कली का पत्र है
राममय परिवेश अब सर्वत्र है।

२१-०२-२०२४
-ऋतुपर्ण

Language: Hindi
1 Like · 270 Views

You may also like these posts

हम न होंगे तो ये कहानी बेअसर हो जायेगी,
हम न होंगे तो ये कहानी बेअसर हो जायेगी,
Jyoti Roshni
चिकित्सक- देव तुल्य
चिकित्सक- देव तुल्य
डॉ. शिव लहरी
तुमसे मिला बिना
तुमसे मिला बिना
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
साया हट गया है, फिर नया बरगद तलाशिये...
साया हट गया है, फिर नया बरगद तलाशिये...
sushil yadav
धर्म के रचैया श्याम,नाग के नथैया श्याम
धर्म के रचैया श्याम,नाग के नथैया श्याम
कृष्णकांत गुर्जर
एक छोरी काळती हमेशा जीव बाळती,
एक छोरी काळती हमेशा जीव बाळती,
प्रेमदास वसु सुरेखा
यह शहर पत्थर दिलों का
यह शहर पत्थर दिलों का
VINOD CHAUHAN
टूटने का मर्म
टूटने का मर्म
Surinder blackpen
राम अवध के
राम अवध के
Sanjay ' शून्य'
राम!
राम!
Acharya Rama Nand Mandal
चले चलो
चले चलो
TARAN VERMA
*मतदान*
*मतदान*
Shashi kala vyas
हम बदल गये
हम बदल गये
पूनम 'समर्थ' (आगाज ए दिल)
"मुरीद"
Dr. Kishan tandon kranti
शुभ प्रभात मित्रो !
शुभ प्रभात मित्रो !
Mahesh Jain 'Jyoti'
बह्र ## 2122 2122 2122 212 फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन काफिया ## आते रदीफ़ ## रहे
बह्र ## 2122 2122 2122 212 फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन काफिया ## आते रदीफ़ ## रहे
Neelam Sharma
बस्ता और तैयारी
बस्ता और तैयारी
Ragini Kumari
आजादी का नया इतिहास
आजादी का नया इतिहास
Sudhir srivastava
मुद्दतों बाद मिलते पैर लड़खड़ाए थे,
मुद्दतों बाद मिलते पैर लड़खड़ाए थे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
3287.*पूर्णिका*
3287.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
याद रखना मुझे
याद रखना मुझे
Kanchan verma
अर्जुन सा तू तीर रख, कुंती जैसी पीर।
अर्जुन सा तू तीर रख, कुंती जैसी पीर।
Suryakant Dwivedi
!! हे लोकतंत्र !!
!! हे लोकतंत्र !!
Akash Yadav
------------जिससे जितने संयोग मिलेंगे------------
------------जिससे जितने संयोग मिलेंगे------------
पूर्वार्थ
..
..
*प्रणय*
मानसिक स्वास्थ्य
मानसिक स्वास्थ्य
Mamta Rani
दिनकर जी
दिनकर जी
Manoj Shrivastava
निज कर्तव्य निभाना है
निज कर्तव्य निभाना है
Sunil Suman
Dr arun kumar shastri
Dr arun kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
The Uncountable Stars
The Uncountable Stars
Buddha Prakash
Loading...