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18 May 2024 · 1 min read

साया हट गया है, फिर नया बरगद तलाशिये…

65….

२२ २२ २२ २२ २२ २२ २२
साया हट गया है, फिर नया बरगद तलाशिये
अब मेरी जमीन, है गुम यहाँ , सरहद तलाशिये
x
एक जहर , पीने का माहिर , सुकरात चल दिया
जो थक गए चांट खून उन्ही को शहद तलाशिये
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संभव नहीं उठाना पाँव को अब धरातल से
कलयुग में , सियासी अमन के, अंगद तलाशिये
x
मेहनतकश ने नुमाइशी बनाया जो ख़ास
ये मन्दिर ढके या मस्जिद ढके गुम्बद तलाशिये
x
लिए परचम जिहादी घूमता चारों तरफ यहाँ
आजादी के क्या माने वहां , मकसद तलाशिये
x
सुशील यादव
न्यू आदर्श नगर दुर्ग (छ.ग.)
susyadav7@gmail.com
7000226712
4.4.24.

50 Views

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