ये आवारा मन
ये आवारा मन
अक्सर
चुप क्यों हो जाता है?
लेकिन
दुःख रहे कि सुख
परेशानी रहे कि आसानी
वो कई-कई कहानी
कह जाता है
कल्पना की उड़ानें
दूर तलक भर जाता है,
ये आवारा मन
अक्सर
चुप क्यों हो जाता है?
लेकिन
अकेला रहे कि भीड़ में
खुले में रहे कि नीड़ में
वो कई-कई गीत
मधुर गाता है,
उन्मुक्त गगन में
दूर तलक उड़ जाता है,
ये आवारा मन
अक्सर
चुप क्यों हो जाता है?