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2 Dec 2024 · 1 min read

अकेले हैं ज़माने में।

अकेले हैं ज़माने में।
भरा है गम खज़ाने में।
गुज़रते रात दिन ऐसे-
फ़क़त आँसू बहाने में।
-लक्ष्मी सिंह

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