दिल ही दिल की साँझ है ,
दिल ही दिल की साँझ है ,
दिल ही दिल की भोर ।
दिल से क्या कोई कहे,
दिल पर किसका जोर ।।
सुशील सरना / 12225
दिल ही दिल की साँझ है ,
दिल ही दिल की भोर ।
दिल से क्या कोई कहे,
दिल पर किसका जोर ।।
सुशील सरना / 12225