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12 Feb 2025 · 1 min read

दिल ही दिल की साँझ है ,

दिल ही दिल की साँझ है ,
दिल ही दिल की भोर ।
दिल से क्या कोई कहे,
दिल पर किसका जोर ।।
सुशील सरना / 12225

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